सीएम की निगरानी में धराली क्षेत्र में राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी

उत्तरकाशी/देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और निर्देशन में आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री तीन दिन से उत्तरकाशी में ही प्रवास कर स्वयं रेस्क्यू अभियान की कमान संभाले हुए हैं। मुख्यमंत्री ने आज सुबह जिला मुख्यालय उत्तरकाशी के निकटवर्ती मातली हेलीपैड में जाकर रेस्क्यू अभियान को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए और हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री की खेप रवाना करवाई। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आपदा प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने के लिए मातली हेलीपैड से सुबह सात बजे से हेलिकॉप्टर्स की आवाजाही का सिलसिला शुरू हुआ। दोपहर तक 128 लोगों को हर्षिल से हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने के लिये आज फिर से धराली क्षेत्र के भ्रमण पर रवाना हुए हैं। आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र में प्रभावितों को राहत पहुंचाने और लापता लोगों की खोजबीन का अभियान युद्धस्तर पर जारी है। बुनियादी सुविधाओं तथा संचार व्यवस्था की बहाली के लिए विभिन्न एजेंसियां निरंतर जुटी हुई हैं। हर्षिल बगोरी में मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है।
सुहोरा टेक्नोलॉजीज़ ने बाढ़ के प्रभाव का सैटेलाइट आधारित आकलन जारी किया
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी क्षेत्र में हाल ही में आई अचानक बाढ़ के बाद पृथ्वी अवलोकन एवं अंतरिक्ष डेटा एनालिटिक्स क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सुहोरा टेक्नोलॉजीज़ ने उत्तरकाशी के धराली में अचानक बाढ़ से हुए नुकसान के कुल प्रभाव का एक विश्लेषण जारी किया है।
खीरगंगा नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने से उत्तरकाशी के धराली गांव में अचानक आई बाढ़ से आधारभूत ढांचे को भारी नुकसान हुआ और जनहानि हुई।
हाल की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ विशेषज्ञों ने अचानक आई बाढ़ की वजह हिमानी विस्फोट मानी। हालांकि, सुहोरा टेक्नोलॉजीज़ ने सैटेलाइट इंटेलिजेंस के जरिए यह पुष्टि की कि बादल फटने की वजह से यह बाढ़ आई। सुहोरा ने नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) से मिले आंकड़ों और अपने स्वयं की व्यापक हिमनद झील सूची का परीक्षण किया और यह सत्यापित करने के लिए कि धराली गांव के ऊपर कोई हिमनद झील नहीं है, हाई-रिजोल्यूशन ऑप्टिकल इमेजरी के जरिए क्रॉस चेकिंग की। इस तरह से सुहोरा ने हिमानी विस्फोट के चलते अचानक बाढ़ आने की संभावना से इनकार किया है।