ओएनजीसी ने बंगाल की खाड़ी के तट पर “फर्स्ट ऑयल” की सफल शुरुआत की घोषणा

देहरादून| ओएनजीसी ने बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित गहरे पानी वाले केजी-डीडब्ल्यूएन- 98/2 ब्लॉक से “फर्स्ट ऑयल” की सफल शुरुआत की घोषणा की है। इस 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल एवं गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। ओएनजीसी ने विभिन्न प्रौद्योगिकी और कोविड से संबंधित चुनौतियों का बहादुरी से मुकाबला करते हुए, मार्च 2020 में परियोजना के चरण-1 का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक किया, जिससे 10 महीने के रिकॉर्ड समय में केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक के यू क्षेत्र से गैस उत्पादन शुरू हो गया था। ओएनजीसी 7 जनवरी 2024 को इस फर्स्ट ऑयल की शुरुआत के साथ, चरण-2 पूरा करने के करीब है, जिसके परिणामस्वरूप केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 के ‘एम‘ क्षेत्र से तेल उत्पादन शुरू हो जाएगा। कच्चे तेल की मोम जैसी (वैक्सी) प्रकृति के कारण इस क्षेत्र के विकास को बहुत सी तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन पर काबू पाने के लिए, ओएनजीसी ने नवोन्मेषी पाइप इन पाइप प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया, जो भारत में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। इस परियोजना से जुड़ी सबसी हार्डवेयर को विशिष्ट आवश्यकताएं अंतरराष्ट्रीय स्रोत के ज़रिये पूरी की गईं। फेब्रिकेशन का अधिकांश काम कट्टुपल्ली में मॉड्यूलर फैब्रिकेशन संयंत्र में किया गया, जो भारत में आत्मनिर्भर ऊर्जा क्षेत्र में योगदान करते हुए ‘मेक इन इंडिया‘ को बढ़ावा देने की ओएनजीसी की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। प्रमुख परियोजना नियत समय के अनुसार चल रही है और ब्लॉक के शेष तेल एवं गैस क्षेत्रों के अंतिम चरण को 2024 के मध्य तक उत्पादन पर लाने की योजना है। इस क्षेत्र का अधिकतम उत्पादन 45,000 बैरल तेल प्रति दिन (बीओपीडी) और 10 एमएमएससीएमडी से अधिक गैस होने की उम्मीद है, जो माननीय प्रधानमंत्री के ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देगी।