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सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को लगाई फटकार

आपकी हिम्मत कैसे हुई हमारे आदेश के बावजूद भ्रामक विज्ञापन चलाने की  

नई दिल्ली। योग गुरू बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जस्टिस अमानुल्लाह भडक़ गए और उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से मामले की पैरवी कर रहे वकील से पूछ डाला कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आपने भ्रामक विज्ञापन छपवाने की हिम्मत कैसे की? अब हम एक बहुत सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं. हमें ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि आप कोर्ट को उकसा रहे हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि आप कैसे कह सकते हैं कि आप बीमारी को ठीक कर देंगे? हमारी चेतावनी के बावजूद आप कह रहे हैं कि हमारी चीज़ें रसायन आधारित दवाओं से बेहतर हैं?
एक मीडिया, जस्टिस अहसानुद्दीन ने कहा,हमारे आदेश के बाद भी आपमें यह विज्ञापन लाने की हिम्मत की है। आप कोर्ट को लुभा रहे हैं क्या! जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने आगे कहा, मैं प्रिंटआउट और अनुलग्नक लेकर आया हूं। हम आज बहुत सख्त आदेश पारित करने जा रहे हैं। इस विज्ञापन को देखिए। आप कैसे कह सकते हैं कि आप सब ठीक कर देंगे? हमारी चेतावनी के बावजूद आप विज्ञापन जारी कर कह रहे हैं कि हमारी चीज़ें रसायन आधारित दवाओं से बेहतर हैं?

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