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पंच परमेश्वर की कहानी से सीखें न्याय और निष्पक्षता – जस्टिस बिंदल

देहरादून- सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल ने इक्फाई विवि में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें न्याय एवं कानूनी पेशे में सफ़लता के मंत्र दिए. उन्हें न्याय-निर्णय लेखन पर आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगता के समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था. दो दिवसीय इस प्रतियोगिता के अंतिम सत्र में बोलते हुए न्यायमूर्ति बिंदल ने कहा कि आज के दौर में विधि व्यवसाय का परिवेश काफ़ी हद तक बदल चुका है. जहाँ एक और डिजिटलीकरण ने न्यायालय की प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया है वहीँ छात्रों को भी अब आसानी से इन्टरनेट पर विधिक सामग्री उपलब्ध हो जाती है. उन्होंने डिजिटलीकरण के नुकसान की तरफ भी इशारा करते हुए कहा कि अब वकीलों एवं छात्रों में किताबों को विस्तृत रूप से पढ़ने की क्षमता भी कम हो गयी है. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने मुंशी प्रेमचन्द्र की कहानी पञ्च परमेश्वर का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों को इस कहानी से न्याय एवं निष्पक्षता की सीख लेनी चाहिए. इसके अतिरिक्त उन्होंने देश भर के लॉ कॉलेजों एवं छात्रों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना चाहिए. उन्होंने आकंड़ों को साँझा करते हुए कहा कि देहरादून बहुत समय से शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्धि रखता है और यहाँ लगभग दस हजार विद्यार्थी कानून की पढाई करते हैं जबकि इस जनपद में कुल गाँव 673 हैं ऐसे में यदि कुछ विद्यार्थी भी प्रयास करेंगे तो काफ़ी संख्या में ग्रामीण लोगों को कानूनी मदद दी जा सकेगी. दरसल इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में देश भर से आये विधि छात्रों की मौजूदगी थी जो बेसब्री से न्यायमूर्ति बिंदल को सुनने का इन्तजार कर रहे थे. विश्वविद्यालय परिसर में पहुँचने के बाद लॉ विभाग के डीन प्रोफेसर (डॉ ) तपन कुमार चंदोला ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट करके स्वागत किया जिसके बाद न्यायमूर्ति ने एक पौधारोपण भी किया. सभागार में इक्फाई विवि के कुलसचिव डॉ रमेश चन्द्र रमोला एवं एसोसिएट डीन डॉ मोनिका खरोला ने भी संबोधित कर न्यायमूर्ति का स्वागत किया.  इस कार्यक्रम के अंत में प्रतिगिता का परिणाम घोषित किया गया एवं विजेताओं को मैडल एवं सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में बतौर समन्वयक डॉ सुनील कुमार ने विजेता छात्रों को बधाई दी. इसके अतिरिक्त विवि से संजीव बिष्ट, सहायक प्रोफेसर डॉ राजीव भारतीय ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, डॉ अभिषेक राज, नवमी जोशी सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र मौजूद रहे.

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