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धामी कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई

देहरादून। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की कैबिनेट ने राज्य के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई है। कैबिनेट ने कुछ प्रस्तावों पर लंबी चर्चा कर सुधार के साथ अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए हैं।
कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय में ‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ योजना की शर्तों में संशोधन किये जाने का निर्णय। राज्य में उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम, 1948/उत्तराखण्ड मूल्यवर्धित कर अधिनियम, 2005/केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956/उत्तराखण्ड प्रवेश कर अधिनियम, 2008 एवं उत्तर प्रदेश आमोद एवं पणकर अधिनियम, 1979 (उत्तराखण्ड राज्य में यथा प्रवृत्त) के अधीन दिनांक 31 मार्च, 2023 तक सृजित मांग से संबंधित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को माफ किए जाने हेतु ‘वन टाईम सेटलमेंट स्कीम, 2023-24’ लागू की गयी थी। राजस्व संर्वधन हेतु एवं व्यापारियों द्वारा योजना का और अधिक लाभ लेने हेतु शासन के पत्र संख्या 156556 दिनांक 22-09-2023 द्वारा योजना की अवधि को दिनांक 31-12-2023 तक विस्तारित किया गया है। पूर्व में इस योजना में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश कराधान तथा भू-राजस्व विधि अधिनियम, 1975) अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2002 को सम्मिलित नहीं किया गया था, अब उक्त अधिनियम को भी सम्मिलित करते हुए उक्त अधिनियम के अंतर्गत सृजित बकाया पर देय ब्याज व अर्थदण्ड की 100 प्रतिशत मांग को भी माफ किया जाना प्रस्तावित है। योजना का अधिक से अधिक व्यापारियों द्वारा लाभ लिए जाने के दृष्टिगत योजना की कतिपय बिन्दुओं में संशोधन के साथ योजना की अवधि पुनः अग्रेत्तर तीन माह बढ़ाने का अधिकार सचिव, वित्त उत्तराखण्ड शासन को दिये जाने संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट द्वारा दी गयी मंजूरी। राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के स्वीकृत / रिक्त पदों के सापेक्ष नितान्त अस्थायी व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु संविदा शिक्षकों की तैनाती किये जाने का निर्णय। उच्च शिक्षा विभागान्तर्गत प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में छात्रहित में नितान्त अस्थाई व्यवस्थान्तर्गत वर्तमान शिक्षण सत्र 2023-24 हेतु विभिन्न विषयों (कुल 11 विषय) मे रिक्त चल रहे कुल 25 संविदा शिक्षकों (सहायक प्राध्यापकों) की तैनाती / नियुक्ति राज्य के रोजगार प्रयाग पोर्टल के माध्यम से किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० को समाप्त किये जाने का निर्णय। भारत सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु वर्ष, 2015 में ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० का गठन मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून तथा उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण, देहरादून को सम्मिलित करते हुए किया गया था। वर्तमान में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, देहरादून, शहरी विकास विभाग एवं नगर निगम देहरादून द्वारा संयुक्त रूप से कम्पनी एक्ट, 2013 के अन्तर्गत देहरादून स्मार्ट सिटी लि० का पंजीकरण किया गया है, जो देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। उक्त के दृष्टिगत स्मार्ट सिटी परियोजना के क्रियान्वयन हेतु पूर्व में गठित ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० की प्रासंगिकता नहीं होने के कारण ग्रेटर दून विकास प्राधिकरण लि० कम्पनी को समाप्त किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।

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