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उत्तराखंड के स्वयंसेवियों का गणतंत्र दिवस पर असम कृषि विश्वविद्यालय में शानदार प्रदर्शन

देहरादून। राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में कार्यक्रम अधिकारी डॉ० महेश उनियाल के नेतृत्व में प्रतिभाग करने भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम पहुंचे उत्तराखंड के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों ने जोरहाट स्थित असम कृषि विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस के अवसर पर शानदार प्रदर्शन किया । ज्ञातव्य है कि असम कृषि विश्वविद्यालय में 21 जनवरी से 27 जनवरी तक राष्ट्रीय एकीकरण शिविर का आयोजन गतिमान है । इस अवसर पर असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, सिक्किम, पश्चिम बंगाल ,मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, आंध्र प्रदेश ,तमिलनाडु, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड आदि विभिन्न प्रदेशों से आए हुए सैकड़ो स्वयंसेवियों ने अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये । उत्तराखंड के स्वयंसेवियों ने ‘जय बद्री जय केदार ,उत्तराखंड की जय जयकार’ के साथ अपनी परेड प्रारंभ की । साथ ही पारंपरिक लोक वाद्ययंत्र तथा क्षेत्रीय वेशभूषा में नृत्य एवं गीत प्रस्तुत किया ।

‘दैणा होयां खोली का गणेश हे’ तथा ‘बेडू पाको बारामासा’ गीतों पर थिरकते स्वयंसेवियों को देखकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए। कार्यक्रम में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए आचार्य डॉ० महेश उनियाल ने बताया कि आज देश में छिहत्तरवां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। हमें बोली -भाषा, खान-पान ,आचार – विचार आदि सभी क्षेत्रों में एकीकरण करते हुए देश को मजबूत बनाना चाहिए। तभी हम विकसित भारत की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। ‘हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं’ गाने की साथ- साथ हमें सभी देशवासियों को अपना मानना होगा । संपूर्ण भारत का भ्रमण कर हम अपने देश की सामाजिक तथा आर्थिक उन्नति में भागीदार बन सकते हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना से हमें यही सीख मिलती है कि हमें स्वयं के साथ-साथ सभी के कल्याण की भावना रखनी चाहिए । विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिद्युत चंदन डेका ने स्वयंसेवियों से आग्रह किया कि वह भविष्य के भारत का नेतृत्व करें, इसके लिए उनको अपने चित्त तथा चरित्र दोनों को मजबूत बनाना होगा। अपने मन तथा मस्तिष्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा विजन रखना होगा तभी हम दुनिया के अग्रणी देशों में अपने को पा सकते हैं। विश्वविद्यालय के स्टूडेंट वेलफेयर कार्यक्रम के डायरेक्टर डॉ० बी० के० मेढी ने सभी विद्यार्थियों का आवाहन किया कि वे ‘स्वयं से पहले आप’ की भावना विकसित करें। कौन नहीं जानता कि हमारे देश में ‘सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः’ की सोच रही है यही भारत को विश्वगुरु पद पर प्रतिष्ठित करेगी। विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री ऋतुराज बरुआ ने कार्यक्रम को भव्यतम स्वरूप देने के लिए सभी स्वयंसेवियों तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड से आए हुए गुरु गोविंद विश्वकर्मा, पीयूष गुप्ता, सौम्या पंत, अभिधा, ललिता, पूजा, आजम अंसारी, गणेश गोस्वामी, अमन सिंह तथा अंजलि ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

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