पंजाब ने खनन से 472.50 करोड़ रु अर्जित किए

चंडीगढ़। पंजाब के खनन एवं भूविज्ञान मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि पंजाब सरकार ने ऐतिहासिक रूप से रेत और बजरी की किफायती दरों के बावजूद पिछले दो वित्तीय वर्षों में कुल 472.50 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है। जौड़ामाजरा ने बताया कि विभाग ने विभिन्न प्रमुख मदों से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 247 करोड़ रुपये और चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में दो जनवरी 2024 तक 225.50 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक खनन स्थलों (पीएमएस) से राजस्व प्राप्ति 13.5 करोड़ रुपये, वाणिज्यिक खनन स्थलों (सीएमएस) से 8.8 करोड़ रुपये, अंतरराज्यीय गतिविधियों से 146.1 करोड़ रुपये, ईंट भ_ा मालिकों के लाइसेंस से 22.5 करोड़ रूपये, अल्पावधि परमिट से राजस्व 96.03 करोड़ रुपये, नियम 75 के तहत लगाये गये जुर्माने से 7.92 करोड़ रुपये, क्रशर, पंजीकरण, क्रशर ईएमएफ, डिमांड नोटिस, वाहन परमिट आदि जैसे अन्य स्रोतों से 94.21 करोड़ रुपये, गाद निकालने वाली साइटों से राजस्व 30.86 करोड़ रूपये और ब्लॉकों से राजस्व प्राप्ति 60 करोड़ रुपये रही। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश के कारण चालू वित्त वर्ष में डी-सिल्टिंग साइटों से राजस्व को बाहर रखा गया है, जिसके परिणामस्वरूप खनन विभाग से डी-सिल्टिंग साइट सरेंडर करने के कारण लगभग 450 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
जौड़ामाजरा ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 307 करोड़ रुपये और अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 300 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया। मीडिया के एक वर्ग में प्रकाशित एक रिपोर्ट को निराधार, भ्रामक और झूठ करार देते हुए, चेतन सिंह जौरामाजरा ने स्पष्ट किया कि समाचार रिपोर्ट में दिखाए गए राजस्व के आंकड़े केवल सीएमएस और पीएमएस राजस्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, अन्य प्रमुख मदों से महत्वपूर्ण योगदान को छोडक़र। जौड़ामाजरा ने कहा कि इसके अलावा सरकार ने पिछली सरकारों की तुलना में रिकॉर्ड प्राथमिकी दर्ज करके और अवैध खनन में शामिल लोगों को गिरफ्तार करके रेत माफिया पर कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार लोगों को सस्ती दरों पर रेत और बजरी उपलब्ध करा रही है और इसके बावजूद सरकार के राजस्व में वृद्धि देखी गयी है।